रोहतक मतलब टूटी सड़के, गंदा पानी, बदहाल सीवरेज व्यवस्था

रोहतक टूटी सड़क गंदा पानी

रोहतक। एक वक्त था जब रोहतक हरियाणा में चमकता था, जब भी कोई रोहतक का नाम लेता था, तो विकास की बात होती थी लेकिन अब वक्त बदल गया और हालात भी। आज रोहतक की पहचान टूटी सड़कें, गंदा पानी व बदहाल सीवरेज व्यवस्था है। आप शहर में कही भी निकल जाईये, लोग परेशान है। लेकिन सुनने वाला और हालात बदलने वाला कोई नहीं।

रोहतक के मेयर मनमोहन गोयल से अकसर इस बारे में सवाल किया जाता है तो वो हमेशा फंड की कमी बताते है। उनके मुताबिक, हरियाणा की भाजपा सरकार ने निगम को आत्मनिर्भर बनने के लिए कहा है। इस कारण निगम कर्मचारियों की सैलरी में ही रूपए खत्म हो जाते है, जिस वजह से शहर का विकास रूका हुआ है। वहीं विपक्ष भी कुछ खास इस मुद्दें को नहीं उठा सका। जनता बीच बीच में धरने प्रदर्शन, रोड जाम करती है पर बात खास अब तक नहीं बनी।

रोहतक के अक्षुण्ण जैन, प्रीतम सैनी आदि ने बताया कि अब उम्मीद टूट रही है, हम समय समय पर अलग अलग जगह शिकायत देकर थक चुके है। अधिकारियों से जब भी इस बारे में पूछा जाता है तो उनका एक ही जवाब होता है, जहां की शिकायत मिलती है, हम काम करते है। जो समस्या हमारे स्तर पर ठीक होती है, उसे कर देते है, जहां बड़े अधिकारियों की जरूरत लगती है तो उनके संज्ञान में मामला ला दिया जाता है।

जिम्मेदारों की इन बातों में अगर कोई परेशान है तो वो आम जनता है। गंदे पानी से आज पेट की समस्या लोगों में बढ़ी है, टूटी सड़कों से वाहन व शरीर दोनों पर असर पड़ता है। लोग कहते है अब चुनाव का इंतजार है, पार्षद, विधायक और सरकार सब का नंबर लगाया जाएगा।

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