रोहतक में निजी अस्पताल की मोटी कमाई !

रोहतक। एक अस्पताल खासतौर पर निजी अस्पताल को चलाना आसान नहीं। चूंकि वो प्राइवेट है, ऐसे में उनका मकसद सिर्फ पैसा कमाना ही होता है। जिसको गलत भी नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन इसे अगर लूट के काम में बदल दिया जाए तो क्या कहा जाए। निजी अस्पतालों द्वारा आम लोगों से मोटी कमाई करना पूरे भारत में आम हो चुका है। लेकिन ये निजी अस्पताल मोटी कमाई करने का मौका सरकार से भी नहीं छोड़ते।

रोहतक के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उनके पास सरकारी कार्ड है, जिसके जरिए वो निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकते है। फोर्स से होने के कारण सरकार से उन्हें ये सुविधा मिली है। हाल ही में उन्होंने अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए सरकारी डिस्पेंसरी का रूख किया, जहां से बीमारी की गंभीरता को देखते हुए उन्हें एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

वो निजी अस्पताल पहुंचे तो उन्हें टेस्ट करवाने के लिए कहा गया, जबकि उन्होंने कुछ दिन पहले ही, लगभग वैसे ही टेस्ट करवाए थे। अब दोबारा टेस्ट करवाने की क्या जरूरत पड़ गई, ये बात उन्हें समझ नहीं आई। चूंकि इलाज मुफ्त था, इसलिए उन्होंने टेस्ट करा लिए, इसके लिए उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ी। टेस्ट की रिपोर्ट पहले की तरह ही नॉर्मल थी, फिर भी अस्पताल उन्हें एडमिट करने पर अड़ा रहा। जिस चीज का इलाज दवाई देकर हो सकता था, उसके लिए भी एडमिट किया जाए ताकि सरकारी बिल बढ़े। इस बात ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया कि जब जरूरत ही नहीं तो आखिर क्यों इतना ताम-झाम। ये बात अब आप भी समझ ही रहे होंगे कि आखिर क्यों इतना नाटक हुआ।

नोट – शख्स ने जानकारी बिना नाम बताने की शर्त पर ही साझा की है।

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