रोहतक में बढ़े साइकिल दिवाने, सड़कों पर निकल…..

रोहतक। एक वक्त था जब लोग साइकिल चलाने में हिचकिचाते थे और खासतौर पर बच्चों को स्कूटी चाहिए होती थी लेकिन दौर ऐसा बदला कि दुनिया से गायब होती साइकिल फिर वापस लौट आई। ऐसे आई कि अब लोग इसके दिवाने हो चुके है। रोहतक में पिछले कुछ महीनों में साइकिल का क्रेज काफी बढ़ गया है।
लॉकडाउन से पहले करीब एक साल से ही शहर की सड़कों पर साइकिल की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही थी लेकिन लॉकडाउन के बाद तो सैलाब आ चुका है। अब लोग साइकिल खरीद लगातार सड़कों पर सैर करने निकल रहे है। आप जानकर हैरान होंगे कि शहर में अब कई साइकिल ग्रुप भी है। इसके अलावा दोस्तों की टोली रोजाना सुबह व शाम को साइकिल चलाने निकल पड़ती है। पिछले दिनों इसी के चलते रोहतक जिला प्रशासन ने बकायदा साइकिल चलाते वक्त हेलमट पहनने के भी निर्देश दिए।
आज बच्चे हो या बुजुर्ग, उम्र के किसी भी दौर के लोगों को देख लीजिए, सभी साइकिल के पैडल को चलाते दिख जाएंगे। इससे लोगों की सेहत में भी काफी सुधर आता है। रोहतक की बात ने इसको लेकर कुछ लोगों से बात की। रोहतक निवासी एडवोकेट पारस बावा ने कहा कि साइकिल चलाने का शौक पहले भी था लेकिन कभी चलाई नहीं। लॉकडाउन में शरीर सही रहे इसलिए साइकिल पर जोर दिया और आज रोजाना सुबह व शाम कई घंटों तक साइकिल चलाते है। इससे सेहत भी काफी अच्छी रहती है। कोरोना काल में साइकिल चलाकर वो अपनी इम्यूनिटी ठीक कर रहे है। वहीं विशाल विज ने कहा कि वो पिछले दो महीने से साइकिल चला रहे है। शुरू-शुरू में अकेले चलाने में मन कम हुआ लेकिन फिर दोस्तों का साथ मिला तो अब आदत हो गई है। उन्होंने कहा कि साइकिल चलाने से हेल्थ अच्छी रहती है और पूरे दिन एक ताजगी सी बनी रहती है। ऐसे ही कुछ विचार बाकी रोहतक वासियों ने भी हमसे बात करते हुए रखे।
