छोटी हाइट का भी इलाज संभव, मजाक बनाना गलत…

रोहतक। हमारे देश में आज भी छोटी हाइट या कहा जाए कि बौने लोगों का मजाक बनाया जाता है। इससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन बौनापन को समय के साथ व समय पर इलाज के जरिए खत्म किया जा सकता है। ये कहना है हुड्डा कॉम्पलेक्स स्थित छोटूराम हस्पताल के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर सुवृत जैन का।

उन्होंने कहा कि बौनेपन के अधिकतर केस आनुवंशिक विकार के कारण होते हैं, लेकिन इससे जुड़े कुछ विकारों के कारण अज्ञात हैं। बौनेपन की अधिकांश घटनाएं जीन में हुई समस्या से होती हैं जैसे जीन की संरचनाओं में कमी आ जाना। 

एकोंड्रॉप्लासिया

एकोंड्रॉप्लासिया वाले लगभग 80 प्रतिशत लोग औसत लम्बाई के माता-पिता के जन्मे हुए होते हैं। एन्डोंड्रोप्लासिया वाले व्यक्ति के बच्चों के सामान्य या इसी समस्या से ग्रसित होने की बराबर सम्भावना रहती है।

टर्नर सिंड्रोम

टर्नर सिंड्रोम, एक ऐसी स्थिति जो केवल लड़कियों और महिलाओं को प्रभावित करती है, जिसके परिणामस्वरूप लड़कियों में होने वाला एक्स क्रोमोजोम आंशिक रूप से या पूरी तरह से गायब होता है। एक सामान्य लड़की अपने माँ-बाप दोनों से एक्स क्रोमोजोम लेती है। टर्नर सिंड्रोम वाली लड़की में एक ही फीमेल सेक्स क्रोमोजोम पूरी तरह काम करता है।

ग्रोथ हार्मोन की कमी

ग्रोथ हार्मोन की कमी का कारण कभी-कभी जीन की संरचनाओं की कमी या चोट लगना पाया गया है लेकिन इस विकार वाले अधिकांश लोगों में कारण की पहचान नहीं की जा सकी है।

अन्य कारण

बौनेपन के अन्य कारणों में अन्य अनुवांशिक विकार, अन्य हार्मोन में कमी या पोषण की कमी शामिल हैं। कभी-कभी कारण अज्ञात भी होते हैं।

डॉ सुवृत जैन ने कहा कि सामाज के तौर पर हम सभी को अपने अंदर बदलाव लाना होगा, अगर कोई बौना है या लंबा है या फिर मोटा है तो हमें उनका मजाक ना उड़ाकर उनका साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हर चीज का इलाज है लेकिन साथ ही बौने लोगों को अपना अधिक ध्यान रखना चाहिए ताकि वो दूसरी बीमारियों से जल्दी पीड़ित ना हो।

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