रोहतक वासियों के लिए एडवाइजरी जारी

रोहतक। साइबर अपराधी ठगी के नए-2 तरीके अपना रहें है। जालसाज प्रमुख कंपनियों के नाम से मिलती जुलती वेबसाइट बनाकर लोगो को गुमराह कर रहे है। इनके निशाने पर ऑनलाइन खरीदारी करने वाले लोग है। जालसाज क्यू आर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) लिंक के जरिए बैंक खाते हैंक करने लगे है। जालसाज ओएलएक्स और फ्लिपकार्ट समेत अन्य वेबसाइट पर खरीदारी करने वालों को झांसे में ले रहे है। इस दौरान वह क्रय-विक्रय की बात फाइनल कर ऑनलाइन पेमेंट की बात कहते है। इसके बाल लोगो के वाट्सएप नम्बर पर एक लिंक पर क्लिक करते है, ठग लोगो के मोबाईल फोन का क्यूआर कोड स्कैन कर खाते में रकम पार कर दे रहे है। करीब एक दशक पहले साइबर अपराध अचानक सामने आए थे। पिछले पांच साल में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। पहले खुद को बैंककर्मी बताकर लोगों से खाते की जानकारी लेकर ठगी की जाती थी। उसके बाद ठगों ने कार्ड क्लोनिंग शुरू की। अब तो एटीएम कार्ड लोगों की जेब में रहता है और रकम निकाल ली जाती है। साइबर अपराधी सामान्य कॉल की जगह वाट्सएप कॉल करते है। लोगो का भरोसा जीतने के लिए खुद को सैन्यकर्मी होने का झांसा देते है व प्रोफाइल पर सेना की फोटो भी लगाते है। ठगी के बाद जालसाज पीड़ित को नम्बर ब्लॉक लिस्ट में डाल देते है।

स्कीमरः- जालसाज स्कीमर (डाटा चोरी करने के डिवाइस) का इस्तेमाल एटीएम के कार्ड रीडर स्लॉट में लगाकर डाटा चोरी करते है।

शोल्डर सर्फिंगः- इसके जरिए जालसाज आपकों मद्द का झांसा देते और फिर कार्ड बदल लेते है।

हिडेन कैमराः- जालसाज एटीएम में हिडेन कैमरे लगाते है जिसके जरिए लोगों के एटीएम कार्ड की जानकारी व पिन कोड चोरी कर लेते है।

फर्जी की-बोर्डः- एटीएम के की-बोर्ड पर साइबर अपराधी फर्जी की-बोर्ड चिपका देते है। जिसपर कार्ड की सारी जानकारी आ जाती है।

मर्चंट/प्वाइंट ऑफ सेलः- इससे स्वैंपिंग मशीन में एटीएम कार्ड डालने के दौरान ठग मैग्नेटिंक स्ट्रिप/चिप का प्रयोग कर डाटा चोरी कर लेते है।

फिशिंगः- फिशिंग की जरिए लोगों को स्पैंम ई-मेल कर गोपनीय डाटा चोरी की जाती है।

सावधानीः-

1. स्किमर का पता लगाना आसान है। एटीएम मशीन का उपयोग करने से पहले एटीएम मशीन की अच्छी तरह से जांच कर लें। मशीन पर कार्ड रीडर वाला सेक्शन सामान्य से ज्यादा उभरा लग सकता है। ऐसा उसके साथ छेड़छाड़ के कारण होता है। अगर एटीएम पर की-पैड बेढंगी तरह से निकला हुआ प्रतीत हो, तो उसकी जांच करें, यह नकली हो सकता है। अगर मशीन पर कार्ड रीडर ढीला लगा हुआ हो तो उस मशीन का इस्तेमाल करने से बचें।

2. जब भी एटीएम पिन को दर्ज करें तो उसे ढंक लें। एटीएम मशीन का प्रयोग करते समय ध्यान रखे कि एटीएम मशीन बूथ के अन्दर कोई अंजान व्यक्ति न हो। अगर बूथ के अन्दर कोई अंजान व्यक्ति हो तो उसे तुरंत बाहर जाने के लिए कहे तथा उसके बाहर जाने के बाद ही ट्रांजेक्शन करे।

3. बैंक ट्रांजेक्शन की तुरंत जानकारी के लिए एसएमएस अपडेट की सुविधा का इस्तेमाल करें। अगर आपके कार्ड से कोर्इ संदेहास्पद लेनदेन होता है तो आपको तुरंत इसकी जानकारी हो जाएगी। अगर आपको साथ धोखाधड़ी होती है तो इसकी सूचना तुरंत अपने बैंक व स्थानीय पुलिस को दें।

4. आपके मोबाईल फोन या कंप्यूटर पर आए अंजान लिंक पर क्लिक ने करें।

5. किसी भी अंजान व्यक्ति के साथ बैंक खाता, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि से संबंधित जानकारी साझा ने करें। बैंककर्मी कभी भी फोन पर आपके बैंक खातें की डिटेल नही मांगते।

6. किसी भी अंजान व्यक्ति के साथ ओटीपी, पासवर्ड, पिन नम्बर आदि साझा ने करें।

7. मोबाईल फोन या कंप्यूटर में साफ्टवेयर डाउनलोड़ करते समय सतर्कता बरतें।

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