रोहतक की बेटी हार रही जीती जंग, टॉप किया पर…

रोहतक। जब आप लगभग हर जंग जीतकर अपने बेहतर कल को देख रहे हो कि तभी कुछ ऐसा हो जाए कि सभी सपने शीशें की तरह टूटते चले जाए तो उस व्यक्ति पर क्या गुजरेगी, ये सोचना भी दिल झकझोंर कर रख देता है। लेकिन रोहतक की एक बेटी आज अपने सपने को पूरा करने की हर मुमकिन कोशिश में लगी है। हम बात कर रहे है चंडीगढ़ स्थित पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) की प्रवेश परीक्षा में अव्वल रहने वाली मोनिका की।

आज पीजीआईएमईआर में बायो टैक कोर्स की काउंसलिंग है लेकिन मोनिका इसमें शामिल नहीं हो सकी। क्योंकि उसके पास अपनी ग्रेजुएशन की मार्कशीट नहीं है। ऐसा नहीं है कि इसमें मोनिका की गलती है, पर हालात ऐसे हो गए है कि मोनिका चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रही। कोरोना के कारण इस साल स्कूल-कॉलेज की परीक्षाएं प्रभावित हुई। जिसका असर मोनिका पर भी पड़ा।

दिल्ली में खासतौर पर कोरोना ने कोहराम मचाया हुआ है। मोनिका दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज की बैचरल ऑफ साइंस की छात्रा है। उनकी परीक्षाएं कोरोना काल के कारण समय पर नहीं हो सकी। ऐसे में फाइनल मार्कशीट नहीं मिली। इसलिए पीजीआईएमईआर ने मोनिका को प्रवेश परीक्षा में टॉप करने के बाद भी काउंसलिंग में लेने से मना कर दिया।

मोनिका ने कहा कि आखिर उसकी क्या गलती है। उसने प्रवेश परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया, ताकि बेहतर भविष्य के अपने सपने को पूरा कर सके। 10वीं व 12वीं में भी स्कूल टॉपर रही और कॉलेज में भी काफी अच्छे नंबरों से लगातार पास हुई। इसके बावजूद अपने सपने को टूटते देखना आसान नहीं है।

इस पूरे मामले को लेकर पीजीआईएमईआर की तरफ से भी स्पष्टीकरण आया है। उनका कहना है कि कुछ और इसी तरह के मामले सामने आए थे। कोरोना काल को देखते हुए बैठक हुई जिसमें फैसला लिया गया कि पीजीआईएमईआर अपने तय नियमों के साथ ही दाखिला देगा। इसलिए मोनिका को काउंसलिंग के लिए नहीं बुलाया गया।

आज मोनिका उम्मीद की उस किरण की तलाश में है जो उसके टूटते सपनों को फिर पूरा कर देगी।

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